"पत्रकार वही जिसकी कलम जरूरत पड़ने पर स्याही के बदले आग उगले"
"पत्रकार वही जिसकी कलम जरूरत पड़ने पर स्याही के बदले आग उगले"
बीड गेवराई प्रतिनिधी गणेश ढाकणे
आज के युग में सोशल मीडिया को धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके माध्यम से हर कोई अपनी बातों को कुछ मिनटों में चंद घंटों में देश विदेश में पहुंचा सकता है।
जिसका फायदा उन पत्रकारों को भी मिल रहा है जो सिर्फ और सिर्फ सच पर भरोसा रखते हैं और अपने देश के लिए समाज के लिए सच्ची पत्रकारिता करके एक सकारात्मक संदेश देश को देना चाहते हैं।
तो वहीं कुछ लोग इसका गलत उपयोग करके चंद पैसों के लिए पत्रकारों को बदनाम करने के लिए चाटुकारिता पर भी उतारु हैं। जो 200- 500 के चक्कर में यूट्यूब के माध्यम से फेसबुक के माध्यम से व्हाट्सएप के माध्यम से उनके नकारात्मक खबरों को कवर करते हैं और पब्लिक कर देते हैं जिससे देश को समाज को एक नकारात्मक संदेश तो मिलता ही है साथ ही मीडिया जगत तथा निष्पक्ष लिखने वाले निर्भीक पत्रकारों को परेशानी भी होती है।
जो कहीं ना कहीं से देश के लिए समाज के लिए तथा मीडिया जगत के लिए सही दिशा नहीं है।
हमने अभी जो शीर्षक दिया है की पत्रकार वही जिसकी कलम जरूरत पड़ने पर स्याही के बदले आग उगले।
आप तमाम लोग इसका भी गलत अंदाजा लगाएंगे कि जब पत्रकार की कलम आप उगलेगा तो देश में आग लगेगा लोग चलेंगे देश में अफरा तफरी का माहौल हो जाएगा।
लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है पत्रकार की कलम स्याही के बदले आग अपराधियों के लिए भ्रष्टाचारियों के लिए उगले।
जहां सही हो रहा है वहां सही लिखे जहां गलत हो रहा है वहां डटकर विरोध करें और अपने कलम के माध्यम से आग लगा दे ताकि अपराधी और भ्रष्टाचारी झुलस जाएं।
और उनका इलाज स्थानीय पुलिस अच्छे से करके उन्हें सलाखों के पीछे ट्रांसफर कर दे ताकि जो देश में अपराध और भ्रष्टाचार का बीमारी है वह जड़ से खत्म हो जाए।
जो लोग यूट्यूब फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर पोर्टल ब्लॉग यानी कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों पर निशाना साधते हैं वह लोग यदि उन पत्रकारों पर निशाना साधा जो चाटुकारिता करते हैं जो नकारात्मकता फैलाने का प्रयास करते हैं जो चंद पैसों के लिए नेताओं की चमचागिरी करते हैं पूंजीपतियों का गुलाम बनते हैं और अपराध भ्रष्टाचार करने वालों के समर्थन में खड़े रहते हैं उनका बहिष्कार करें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम करने वाला हर पत्रकार बिकाऊ नहीं है।
सोशल मीडिया का सहारा कुछ ऐसे भी पत्रकार ले रहे हैं जो सिर्फ सच लिखना चाहते हैं सच बोलना चाहते हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से शासन प्रशासन से आंखों में आंखें डाल कर सवाल करके देश को एक नया दिशा देना चाहते हैं।
बाकी शासन प्रशासन से जुड़े लोग तथा आम जनता को तय करना है और समझना है कि कौन देश हित के लिए समाज कल्याण के लिए काम कर रहा है और कौन देश को एक गलत दिशा देने के लिए।
मैं उन लोगों से इस लेख के माध्यम से कहना चाहता हूं जो लोग पत्रकारों पर भरोसा नहीं करते और मीडिया को बिक जाने की बात करते हैं वह लोग कृपया उन्हीं लोगों को टारगेट करें जिसको खरीदे हो और जो बिकने के लिए उनके पास जा रहा हो।
बाकी समेट कर सभी को गलत ठहराना उचित नहीं होगा हम पत्रकार हैं और पत्रकारों का मान सम्मान कम नहीं होने देंगे हम पत्रकार भाई बहनों के लिए लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे बशर्ते जो गलत कर रहा है जो बिका हुआ है जो अपराधी भ्रष्टाचारी का समर्थन कर रहा है जो गलत कार्य में लिप्त है मैं उसका समर्थन ना कभी किया हूं ना आज कर रहा हूं।
यदि कोई पत्रकार किसी के काम के लिए अपना पूरा दिन गवाता है समय देता है बदले में 500-हजार ले लेता है विज्ञापन के लिए चैनल के लिए तो बिकाऊ नहीं है वह अपना मेहनत का हिस्सा लिया है।
उसे गलत नहीं ठहराया जा सकता।
यदि कोई किसी को ब्लैकमेल करता है किसी को गुमराह करता है और उसके बदले में लाख ₹200000 का डिमांड करता है तो वह गलत है उसका विरोध हम भी करते हैं और शासन प्रशासन भी ऐसे लोगों पर शिकंजा कसे और पब्लिक भी ब्लैकमेलरो का बाइकाट करें।
पत्रकार न कभी बिका है ना कभी बिकेगा ना कभी झुका है ना कभी झुकेगा ना कभी अपनी कलम को बदनाम किया है और ना बदनाम करेगा।
आवाज जन-जन की अपराध भ्रष्टाचार के खिलाफ
(पत्रकार)
गणेश ढाकणे डिजीटल मिडीया सदस्य
*8888435869
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